आएगी सरकार किसकी है बड़ा संकट मियाँ
देखिए अब बैठता है ऊँट किस करवट मियाँ
तुम चले जाओ किसी संसद में,ये मत भूलना
चूमनी है लौटकर कल फिर यही चौखट मियाँ
कुछ ज़रूरत ज़िंदगी की,कुछ उसूलों के सवाल
चल रही है इन दिनों खुद से मेरी खट पट मियाँ
मुश्किलें आएं तो हंसकर झेलना भी सीखिए
ज़िंदगी वर्ना लगेगी आपको झंझट मियाँ
बदहवासी का ये आलम क्यूं है बतलाओ ज़रा
लोग भागे जा रहे हैं किसलिए सरपट मियाँ
जिनसे हम उम्मीद करते हैं, संवारेंगे इसे
कर रहे हैं मुल्क को वो लोग ही चौपट मियाँ.
गाँव आकर ढूँढता हूँ गाँव वाले चित्र वो
छाँव बरगद की किधर है?है कहाँ पनघट मियाँ
पीढ़ियों को कौन समझायेगा कल पूछेंगी जब
लाज क्या होती है क्या होता है ये घूंघट मियाँ
behtareen rachna sr
जवाब देंहटाएंDhanyavaad Pratibha ji...
जवाब देंहटाएंati sundar sirji...aur aakhri sher to laajawaab hai
जवाब देंहटाएंपहली बार आपके ब्लॉग का परिशीलन किया ।अत्यन्त उच्च कोटि की रचना है।बधाई!
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